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Thursday, April 2, 2009

सबके ननों में समां गई टाटा की nano

एक समय था जब आदमी की सबसे पहले जरूरत के रूप में नाम लिया जाता था रोटी, कपड़ा और मकान। लेकिन समय के साथ जरूरत में भी बदलाव आ गया है , कुछ साल पहले इन जरूरतओ के साथ मोबाइल भी शामिल हो गया था जब धीरुभाई अम्बानी की आम आदमी तक मोबाइल पहुचने की योजना रेलिएंस इंडिया मोबाइल के साथ आई थी।
लेकिन तब भी कुछ कमी थी जो अब रतन टाटा ने पुरी की है साथ हजी अपना वडा भी , वडा आम आदमी की पहुँच में ४ पहिया गाड़ी लेन का। रतन टाटा भारत के सबसे आमिर व्यक्तिओं की लिस्ट में शामिल नही किए जाते, न ही वे सबसे प्रभावशाली लोगों में गिने जाते हैं कुछ तथाकथित पत्रिकाओं के द्वारा बने जाने वाली लिस्ट में। फिर भी जहाँ भरोसे और इमानदारी बात आती है तो टाटा का अपना अलग स्थान है।
अब रोटी , कपda, मकान और मोबाइल के साथ कार भी प्रथम जरूरत में शामिल हो जायेगी। (रो,का,म, मो,का) यही अब नया नाम बन जाएगा प्रथम वरीय आवश्यकताओं का , टाटा नानो ने न सिर्फ़ भारत का नाम ऊँचा किया , वरन देश के हर उस आदमी को एक उम्मीद दी है जो कल तक कार को एक सपने के रूप में देखते थे। टाटा का भी अन्य दूसरे udhyogpatioyn की तरह profit kamana lakshya है पर इसके अलावा भी टाटा नानो ने unhe woh स्थान दिला dia है जिसके lie unhe wakai salaam किया जन chaiye।
tamama pareshanio , arthik mandi और तरह तरह के virodh के बाद भी उन्होंने अपना वडा निभा ही dia ..... टाटा सही arthon में भारत के रतन हैं.

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