Powered By Blogger

Thursday, April 9, 2009

अक्षय कुमार, पत्रकार, नेता और जूता !!!!!

अमेरिकी राष्ट्रपति बुश के ऊपर जो जूता फेंका गया था उसकी दुनिया भर में चर्चा हो गई थी, यहाँ तक की जूता फेंकने वाले पत्रकार को सब कुछ मिला तारीफ भी, सजा भी और तमाम तरह की शोहरत और दोलत भी। ऐसा ही कुछ नजारा भारत में भी देखने को मिला जब चिदंबरम जी के ऊपर जर्नल सिंह नमक पत्रकार ने अपना जूता फ़ेंक कर अपना विरोध जाता दिया जगदीश तैत्लोर को लेकर, वहीँ अक्षय कुमार ने भी नया विवाद पैदा कर डाला । इस घटना ने भारत में एक सनसनी फेला डाली है, अब सरे नेता अपने अपने प्रेस कांफ्रेंस में सुरक्षा पर ज्यादा धयन देंगे , खासतोर पर पत्रकारों से और उनके जूतों से हो सकता है की अब प्रेस कांफ्रेंस में सरे पत्रकारों को जूते उतार कर आना पड़ जाए।

लोकतंत्र में हर इंसान को अपना विरोध जताने का हक है और अभिव्यक्ति का bhi। तरीका चाहे जैसा हो सब चलता है और वोह भी भारत जैसे देश में तो सब कुछ जायज है, गनीमत है की जर्नल सिंघजी सजा से बच गए और अक्षय कुमार माफ़ी मांग कर बच गए , वरना उनका पैंट और जर्नल का जूता उन्हें जेल भेजने के लिए काफी था, पर क्या यहाँ के अभिनेता और
राजनितिक नेता और दलों को यह घटना आत्मचिंतन का एक मौका नही देती ?

क्यों हमारे नेता ऐसा काम करते हैं जिसके लिए उन्हें विरोध सहना पड़े और फिर सरे आम माफ़ी मांगना पड़े, खैर हमारे यहाँ तो ऐसा होना आम बात है नेता हो या अभिनेता सब यही करते हैं, पहले तो जो मन में आए कर देते हैं, बोल देते हैं फिर माफ़ी मांग लेते हैं। यही हमारे देश का नया ट्रेंड हो गया है । वोह चाहे अक्षय कुमार हो, जगदीश तित्लेर हो देश वासिओं से माफ़ी मांगने में उन्हें कोई शर्म तब तक नही आती जब तक उनका विरोध न किया जाए, जब किया जाता है तो मजबूरी में यही रास्ता बचता है। वैसे जगदीश तित्लेर्जी के ऊपर कोई आरोप साबित नही हुआ है पर फिर भी जनभावना का समान तो करना ही चैये था कांग्रेस को और अक्षय कुमार को जो सरेआम अपने जेंस का बटन खुलवा बेठे थे और फिर माफ़ी मांग बेठे ।

दीपक सिंह
09425944583

No comments: