सिर्फ ३ दिन पहले तक जिस टीम इंडिया की शान मैं कसीदे कहे जा रहे थे , वो टीम इंडिया कल के मैच में न्यू जीलेंड की अपेक्षाकृत कम अनुभवी टीम के आगे ढेर हो गई...जिस टीम में कई सारे नए खिलाडी थे लेकिन हर खिलाडी में एक मैच विन्नेर था , जिनके आगे हमारी टीम इंडिया के तथा कथित " शेर " हो गए ढेर..... जिस टीम ने श्री लंका की जमीन पर पिछला पूरा १ महिना बिता दिया आज वो टीम उस टीम के आगे फिस्सडी साबित हो गई जो जुम्मा जुम्मा ४ दिन पहले ही श्री लंका पहुंची है... क्या हमारा अति आत्मा विश्वास ही हमे ले डूबा...बात सोचने वाली है.. ३ बल्लेबाजों के अलावा किसी भी अन्य खिलाडी ने २ अंको मैं भी सकारे नहीं किया जिसमे हार्ड हिटर युवराज , रैना और खुद कप्तान धोनी शामिल थे.. क्या करना छह रहे थे हमारे खिलाडी क्या द्रेस्सिंग रूम में कुछ खास हो रहा था जिसे देखने की जल्दी मैं हर कोई जल्द से जल्द आउट होने की ओपचारिकता पूरी करके वापस द्रेस्सिंग रूम जाने की जल्दी में था...
आज कल के क्रिकेट में यदि आपने किसी टीम को ५० ओवर के भीतर यदि ३०० से कम स्कोर पर रोक लिया तो समझिये की आपने आधा मैच जीत लिया.. शायद यही गलती हमारी टीम इंडिया से हो गई ,,, कप्तान ने सोचा होगा की वीरू शुरू में धुंधार बत्टिंग करेगा,., फिर युवराज है और इन्फोर्म रैना है हम आसानी से २८९ रन बना लेंगे.. शायद यही अति आत्मविश्वास टीम को ले डूबा... कल तक जिस टीम की शान मैं हर कोई कसीदे पढ़ रहा था आज उसी टीम ने हम सबकी उम्मीदों का बंद बजा दिया .. ठीक है हर बार हम जीत की उम्मीद नहीं कर सकते पर इस तरह से हार की उम्मीद भी नहीं की होगी किसी ने.. .खैर अभी और भी मैच बाकि है...शायद धोनी& कंपनी कुछ उसी तरह का पलट वर कर जाये जैसा की टेस्ट सिरीज में किया था.. लेकिन तब सचिन और लक्ष्मण ने बात संभाल ली थी.. खैर हम तो दुआ करेंगे की सब ठीक हो और हम एशिया कप की तरह यह टूर्नामेंट भी अपने नाम कर लायें... आमीन
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