राजनीति ने रावन को धो क्या डाला, बड़े बच्चन साहब के मुह से न जाने क्या क्या निकलवा डाला ,
मणि सर को भी विवाद मैं घसीट डाला , इस आग मैं वर्मा जी ने भी घी डाला , कोई कुछ कहे या न कहे हर किसी को इस रावन ने हिला डाला , कल के गुरु भाई को को सांवरिया ने पछाड़ डाला , बचचन चाहे बड़े हो या छोटे दोनों ने प्रयोगवादी के नाम पर अपना मुह जला डाला ...एक को आग तो वक को रावण ने जला डाला ......
2 comments:
बड़ी बेकार फिल्म निकली रावण.
सही कहा आपने ....
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