यह कैसा गणतंत्र ????? जी हाँ एक आम आदमी के दिल और दिमाग में इस सवाल का आना लाजमी है, जहाँ आज हर कोई २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस के लिए तमाम तरह से बातें और तैयारी कर रहा है ख़ास तोर पर सरकारी विभागों में , लेकिन क्या कोई यह सोच रहा है की २६ जनवरी एक आम इंसान के लिए कितनी महत्वपूरण है . शक्कर , अनाज ओर तमाम बुनियादी चीजें कीमत के मामले में आम इंसान की पहुँच से दूर हो रही हैं, अपराध और भ्रष्टाचार रोकने के तमाम दावों के बावजूद बढ़ रहा है, धर्म के नाम पर , जाती के नाम पर लोग लड़ रहे हैं , राजनेता ऍम इंसान को एक खिलोने से ज्यादा कुछ नहीं मान रहे हैं, ! इन हालातों में गणतंत्र दिवस की क्या कोई महत्ता रह गयी है ? यह सवाल जितना लाजमी है उतना ही कठिन इस सवाल का जवाब है,
गणतंत्र दिवस मनाया जाता है गन यानि के आम इंसान के अधिकारों और उसके हक़ की महत्ता दर्शाने के लिए लेकिन इसमें उसी आम इंसान के लिए अब कुछ खास नहीं बचा .
यह सवाल शायाद बिना उत्तर के ही रह जायेगा तब तक अगला गणतंत्र दिवस और न जाने कितने गणतंत्र दिवस आते जाते रहेंगे और ऍम इंसान ऐसा ही रहेगा जैसा वो आज से कई साल पहले था बेसहारा, गरीब और शोषित कहता हुआ """" यह कैसा गणतंत्र """""
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