गांधीजी की सारी चींज विजय माल्या वापस ले आए , किंतु वोह एक शराब व्यापारी हैं इस बात का कुछ ज्यादा ही महत्व हो गया है
मेरे मन में एक सवाल आ रहा है के क्या एक शराब व्यापारी के ऊपर इतना सारा दबाव डालना ग़लत है , शायद हम यह भूल रहे हैं की हम कुछ भी ग़लत चीज अगर लेते या देते हैं वोह चीज उसी रुपये या पैसे की आतेई है जिस नोट पर गांधीजी का फोटो होता है। क्या तब कोई बहस हओती है? नही न , हम रिश्वत देते हैं , बन्दूक खरीदते हैं, नशा कर्त्येऐ हैं यह saara saamaan उसी नोट का आता है जिस पर गांधीजी का फोटो होता है। to फिर बहस किस बात की भाई भारत की vastu भारत मैं aa gai यही बहुत है ... क्या समझे bheedu
Deepak singh
09425944583
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