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Thursday, April 15, 2010

एक तेजी से बहती गरम हवा आई पी एल

जी हाँ  यह कोई मामूली बात नहीं है , भाई गर्मी में जो गरम हवाएं बहती हैं , वोह सिर्फ कुछ दिन तक ही तो रहती हैं फिर चली जाती हैं , वैसे ही आई पी एल भी किसी तेज चलती गरम हवा से कम नहीं है , आपको याद होगा की किस तरह से यह क्रिकेट का तमाशा शुरू हुआ था , हर किसी क्रिकेट विशेषज्ञ ने इस तमाशे की जी बहर का र निंदा की थीम आज वे ही इस तमाशे का आँखों देखा हाल सुनाते हैं, वो भी अपने अपने दिलचस्प अंदाज मैं,...   खैर मुद्दे की बात करें आज कल आई पी एल  अपने कुछ दुसरे कारणों से कुछ ज्यादा ही चर्चा में है !
वोह हुआ कुछ यूँ है की अपने मोदी जी और थरूर जी में शब्द जंग बढ़ते बढ़ते कहाँ पहुंचेगी इसका तो पता नहीं,,  पर इसने आई पी एल  की छीछा लेदर कर फ़ेंक दी है . भला आप ही सोचे की इस सब से किसका फायदा होगा और किसका नुक्सान ..    कुल मिला कर इन दोनों के लफड़े ने आई पी एल  की कई ऐसी बातें परदे से बाहर निकाल दी हैं जिनसे आई पी एल  का फायदा तो नहीं पर नुक्सान जरूर होगा , जैसे की मोदी जी के नजदीक के रिश्तेदार का कुछ हिस्सा राजस्थान की टीम मैं है , और यह टीम पहला आई पी एल  भी जीती थी , भला सोचिये की एक ऐसी टीम जो आई पी एल  की सबसे सस्ती टीम है. बगेर किसी बड़े नाम के खिलाडिओं के साथ वो टीम आई पी एल  जीत जाती है , सबसे सस्ती टीम की कुल कीमत तब से लेकर अब तक कई गुना बढ़ चुकी है वोह भी सिर्फ उस एक खिताबी जीत से ,     इस सब में कुछ तो अंदरखाने वाली बात है , क्या वो कहीं पहले से चला आ रहा मैच फिक्सिंग वाला भूत तो नहीं और शायद हो भी सकता है, या नहीं भी पर आई पी एल  में कुछ भी संभव है ...  मोदी जी जरा सावधान आपका पंगा एक केंद्रीय मंत्री से पड़ा है..   जरा जरा संभल कर कदम रखें आप कहीं कुछ गड़बड़ हो गयी तो यह क्रिकेट का तमाशा जितनी तेज गति से आगे बढ़ रहा है कहीं उस से तेजी से धडाम कर के कहीं गिर न पड़े...     

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