क्या यही ये कांग्रेस का हाथ है भईय्या ... समझे क्या.....
भाई जरा सा याद तो करो किस तरह से ये नारा लोकसभा चुनाव के पहले हर टीवी चैनल , हर गली और हर रेडियो पर सुनाई देता था , जिस वजह से कांग्रेस को पूरा बहुमत हासिल हुआ को वो फिर से सत्ता में आ गई. लेकिन ये क्या भाई अभी तो पूरा साल भी नहीं हुआ और इस हाथ ने तो हर एक आम इंसान की कमर ही तोड़ कर रख दी और तो और यह दर्द कम तो हिगा नहीं बल्कि बढ़ने के सरे इन्तेजाम होने वाले हैं , भाई हो भी क्यों न अभी टी पूरे ४ साल बाकी हैं, किसानो का जितना कर्ज माफ़ किया था सारा का सारा ब्याज सहित वसूलना है, महंगाई को तो अभी और ऊंचाई तक पहुंचाना है, हर गैर कांग्रेसी राज्य में सारा दोष उस राज्य की सरकारों पर मढना है, गौर जरूरी बयान देना बाकि है , किसी समस्या का हल निकलना तो दूर बल्कि उसके लिए किसी न किसी को कसूरवार ठहराना बाकि है, लेकिन कांग्रेस शाषित राज्यों में जो भी गलत हो सब कुछ जायज कहना बाकि है जैसे के महाराष्ट्र में उत्तर भारतियों की पिटाई या उनके लिए मराठी या गैर मराठी वाली लड़ाई .
कांग्रेस सरकार का तो येही तरीका है भाई जो हम करें वो सही बाकि सब गलत, भाई जिस प्रधान मंत्री के मंत्रिमंडल में ही मंत्रियों में आपसी सामंजस्य नहीं होगा तो उस देश का क्या होगा कोई भी समझ सकता है, जैसे की शशि थिरूर का मुद्दा हो या तीरथ जी के विज्ञापन का मुद्दा या कोई और मुद्दा , यही नहीं जब तक महाराष्ट्र में शिवसेना ने सोनिया और राहुल के लिए बयान नहीं दी तब तक तो कांग्रेस को पता ही नहीं था की मुंबई में कुछ गलत हो भी रहा है,
सच है भाई ये कांग्रेस का ही हाथ हो सकता है जिसका एक हाथ क्या करता है दुसरे को ही पता नहीं चलता तो भला देश हित में क्या हुआ , या देश के अहित में क्या हुआ भला वो कैसे पता चलेगा ,,,, तो फिर भैय्ये हो तैयार ऐसे ही और ४ साल तक सिसकने के लिए और हाँ शक्कर मत इस्तेमाल करो..............
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क्रमश:.........
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