भ्रम क्या है ????
वो जो हम देख रहे हैं,, या वो जो हमसे छुपा है,या छुपाया जा रहा है !!! सच्चाई और भ्रम के इसी चक्कर में इंसान की जिन्दगी फंसी हुई है... भ्रम को समझ पाना जितना मुश्किल होता है उतना ही खतरनाक होता है हमारे लिए .भ्रम को न जान पाना . आखिर क्या है फर्क भ्रम और सच के बीच ? इसी जदोजाहत के बीच में फंसी है हमारी , तुम्हारी और हर किसी की जिन्दगी .......
ऐसा ही कुछ हो रहा है शिव के साथ .. उसे लगता है की जिन्दगी में उसे जो भी लोग मिले हैं सब उसके दोस्त और चाहने वाले ही हैं, कोई भी उसका दुश्मन नहीं है, लेकिन यह भ्रम जब तक रहता है सब कुछ ठीक रहता है लेकिन जैसे ही यह भ्रम टूटेगा तो क्या होगा ????... यही सब कुछ है इस कहानी में जिसका नाम है """भ्रम""
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