बेचारा भगवन भी करे तो क्या करे आज कल तो भगवन भी लॉबी घाट के सहारे बैठा है हो भी क्यों ना भगवन भी उन्ही की सुनता है जो भगवान् को अच्छा खासा कमीशन देते हैं यानि की बढ़िया वाला भोग चढाते हैं .. बेचारे असफल यानि की गरीब आदमी के पास तो खुद खाने के लाले पड़े होते हैं तो ऐसे में भगवन को भला क्या खिलाये या क्या चढ़ाएं.
लॉबी से याद आता है की चुनाव में टिकिट पाने के लिए नेता , अवार्ड समारोह में अवार्ड पाने के लिए अभिनेता और टीम में चुने जाने के लिए खिलाडी ,बड़े बड़े उधोगपति बड़े बड़े टेंडर पाने के लिए किस तह की लॉबी करते हैं यह तो सब जानते है और किस तरह राडिया नामक लॉबी एक्सपर्ट इस पुण्य काम में उतने ही महान माने जाते हैं जितना की क्रिकेट में सचिन. सरकारी
नौकरी पाने या दिलवाने के लिए लगे रिश्तेदारों या परिचितों की भीड़ हर जगह लॉबी है.. और इसका बोलबाला है...
एक समय में गांधीगीरी का बोलबाला था , फिर दादागीरी का जमाना रहा .....अब हर कहीं लॉबी गीरी का जमाना है और जो इस लॉबी गीरी के ज़माने में पीछे रह गया वो तो फिर आगे आ ही नहीं सकता .. तो यदि आपको इस समय में , इस ज़माने में आगे जाना है, तरक्की पाना है तो इस ब्रम्हास्त्र का प्रयोग नितांत आवश्यक है आप में कोई प्रतिभा हो ना हो, कुछ कर दिखने का जज्बा हो ना हो, मेहनत करने में आगे हो ना हो.. लॉबी गीरी में आपको आगे होना ही होगा ..और वैसे भी लॉबी में जाता ही क्या है... बस आगे पीछे ही तो घूमना है, जम के तेल लगाना है, झूठी मूठी तारीफ करनी है बस और क्या चाहिए ..????? यदी आप में यह सब कुछ है तो फिर आप सफलता के सातवे आसमान पे होंगे ... दुनिया आप के नाम की
माला जपेगी.. और बस फिर लोग आपके पीछे और आप भी इस लोबी घाट के मानद सदस्य बन जायेंगे.
तो फिर मेहनत करना छोडो और लॉबी करना शुरू करो...क्या रखा है मेहनत में.. जो मजा लॉबी , और चमचा गीरी में है वो सुख मेहनत की कमी कंही नहीं दे सकती .. तो मेहनत में समय व्यर्थ ना कर और जा जाकर लॉबी घाट पे जा कर चमचा गीरी, तेल मालिश और लॉबी गीरी कर कर... तेरा उद्धार होगा
दीपक सिंह राजावत
9022960206
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